वाराणसी। बीएचयू के पुरा छात्र और पालो ऑल्टो के सीईओ निकेश अरोड़ा ने छात्रों को सुझाव दिया है कि बड़े लक्ष्य तय करें और सटीक योजना और सधे कदमों से इसे हासिल करें। उन्होंने कहा कि यह भारत का युग है और देश एक और तकनीकी क्रांति की ओर बढ़ रहा है। आप सभी के पास तत्काल और ठोस परिणाम हासिल करने का एक बड़ा और बेहतरीन अवसर है।
स्वतंत्रता भवन में बीएचयू के 102वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि निकेश ने छात्रों को कुछ मंत्र दिए। किसी भी नई बात को जानने के लिए उत्सुक रहें। जोखिम उठाने के लिए तैयार रहें। लोगों को साथ लेकर चलें और एक शानदार जीवन जीएं। निकेश ने अपनी बात की शुरुआत अपने छात्र जीवन से की उन्होंने कहा कि 37 साल पहले मैं बीएचयू पढ़ने के लिए आया था। आज मैं जहां हूं, इसमें मेरे पिता और दादा का अहम योगदान है।
निकेश ने कहा कि पिछले तीन दशकों में तकनीकी में काफी परिवर्तन हुए हैं। मेरे समय में कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना एक बड़ी चुनौती होती थी। अब मोबाइल आ जाने के बाद यह पांच हजार गुना अधिक आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली, टेलीफोन जैसी तकनीकी की खोज से लेकर अबतक दुनिया ने कई अहम बदलाव देखे हैं। अब एक बड़ा बदलाव आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के रूप में हमारे सामने आ रहा है। यह हमारे फैसले करने के तरीकों में बड़ा बदलाव करने वाला है। इसके चलते विकास की प्रक्रिया असाधारण रूप से तेज हो जाएगी।

निकेश अरोड़ा ने भविष्य में होने वाले बदलावों के मद्देनजर छात्रों से हर परिस्थति में सफलता के लिए तैयार रहने को कहा। भले ही कुछ अवसरों पर असफलता हाथ लगे, लेकिन खुद को मजबूती के साथ दौड़ में कायम रखना होगा। उन्होंने बताया कि मैंने भी इन परिस्थितियों को झेला है। कई अच्छे जॉब मेरे हाथ से निकल गए, लेकिन मैंने प्रयास जारी रखा।
निकेश ने कहा कि आज के युवाओं को सामान्य परिस्थितियों से समझौता कर लेने की बजाय जीवन में जोखिम लेने का साहस पैदा करना होगा। तभी सफलता उनके कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि भारत रत्न महामना पं. मदनमोहन मालवीय ने 100 साल से भी अधिक समय पहले इस प्रतिभा का परिचय दिया, जिसका नतीजा इस अद्भुत विश्वविद्यालय के रूप में हमारे सामने है। आपका काम ही आपको दुनिया में अलग पहचान देगा।
निकेश अरोड़ा, बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ल ने मेधावियों में चांसलर मेडल, स्व. महाराजा विभूति नारायण सिंह स्वर्ण पदक और बीएचयू पदक वितरित किए। कुल 91 छात्र-छात्राओं को 2020, 2021 और 2022 के लिए पदक दिये गए। कुल 37977 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दी गईं। कुलपति प्रो. जैन ने मुख्य अतिथि को बीएचयू का स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोहों में अबतक कई विशिष्ट लोग मुख्य अतिथि के रूप में आ चुके हैं। उनके अनुभवों से यहां के विद्यार्थियों ने काफी लाभ उठाया है। निकेश अरोड़ा भी उन्हीं लोगों में हैं, जिनके अनुभवों से युवा पीढ़ी को नई राह मिलती है।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह ने अतिथियों का आभार जताया। महिला महाविद्यालय की प्रो. पद्मिनी रवींद्रनाथ ने दीक्षांत समारोह का संचालन किया। डॉ. मधुमिता भट्टाचार्य, डॉ. के. चंचल और संगीत एवं मंचकला संकाय के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया। आरंभ में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रो. पतंजलि मिश्र ने मंगलाचरण की प्रस्तुति की।