वाराणसी। देशभर के अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र छात्राओं को आईएएस बनाने के लिए बड़ी पहल की गई है। इसकी शुरुआत 22 अप्रैल को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से होगी। इसके लिए देश के 31 विश्वविद्यालयों में केंद्र बनाए जाएंगे। हर साल इस केंद्र में इस वर्ग के 100 छात्र-छात्राओं की प्रवेश परीक्षा के जरिए भर्ती की जाएगी। इसे डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के नाम से जाना जाएगा। इस आशय के समझौता पत्र पर भी शुक्रवार को हस्ताक्षर होंगे।
डॉ. अंबेडकर प्रतिष्ठान के निदेशक विकास त्रिवेदी ने गुरुवार को बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के शताब्दी कृषि सभागार में करेंगी। केंद्र के नोडल अफसर बीएचयू के प्रो. आरएन खरवार होंगे। श्री त्रिवेदी के मुताबिक इस केंद्र के संचालन के लिए चयनित विश्वविद्यालयों को प्रति छात्र सालाना 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस तरह 100 छात्रों के लिए यह राशि 75 लाख रुपये सालाना होगी। छात्रों का चयन एक कड़ी प्रवेश परीक्षा के जरिये किया जायेगा। इसमें 33 प्रतिशत छात्राओं का चयन अनिवार्य है। प्रत्येक केंद्र में तीन सक्षम शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा कक्षाएं, पुस्तकालय, हाईस्पीड वाई फाई की सुविधा भी होगी। उन्होंने बताया कि केंद्रों से अपेक्षा होगी कि हर साल कम से कम 10 फीसदी छात्रों को क्वालीफाई कराना होगा। ऐसा करने में असमर्थ विश्वविद्यालयों के केंद्र बन्द कर अन्य विश्वविद्यालयों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की होगी।
प्रो. खरवार ने बताया कि केंद्र के लिए विश्विवद्यालय में स्थान उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है। जल्दी ही भूमि आवंटन हो जाएगा। केंद्र जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करके सत्र की शुरआत करने का प्रयास कर रहे है।