वाराणसी। बीएचयू के भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के राहुल सभागार में ‘भोजपुरी जनपद’ पत्रिका के भिखारी ठाकुर विशेषांक का शनिवार को लोकार्पण हुआ। गौरतलब है कि यह पूरा अंक भोजपुरी भाषा में संपादित व प्रकाशित किया गया है।
मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि भिखारी ठाकुर जैसे महान नाटककार पर भोजपुरी भाषा में प्रकाशित इस पत्रिका का यह अंक महत्वपूर्ण हैं। भिखारी भोजपुरी की जनचेतना की मुखर अभिव्यक्ति हैं। भिखारी को उन्होंने स्त्री चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति का रचनाकार बताया।
अध्यक्षता कर रहे बीएचयू के सलाहकार प्रो कमलशील ने कहा कि भिखारी ठाकुर पर ‘भोजपुरी जनपद’ पत्रिका के विशेषांक का संपादन भिखारी को समझने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य है। भिखारी जिस प्रेम,विरह व करुणा के रचनाकार हैं, उसकी पर्याप्त चर्चा इस पत्रिका में हुई है।
विशिष्ट अतिथि प्रो विजयनाथ मिश्र ने कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के अहसास हैं।उनके नाटकों में भोजपुरी की संवेदना प्रवाहित होती है।
मुख्य वक्ता मुजफ्फरपुर से पधारे भोजपुरी के ख्यात रचनाकार डॉ ब्रज भूषण मिश्र ने कहा कि भिखारी ठाकुर का भावलोक भोजपुरी समाज की जिस संस्कृति से बनता है उसका पूरा विवरण इस विशेषांक में मिलता है।केंद्र द्वारा संपादित इस पत्रिका से भोजपुरी समाज में एक नई जागृति आ सकती है।
आरंभ में पत्रिका के संपादक व केंद्र समन्वयक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि भिखारी ठाकुर से भोजपुरी आलोकित होती है और भोजपुरी से भिखारी ठाकुर आह्लादित होते हैं।भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों को सामाजिक शिक्षा का हथियार बनाया क्योंकि वे भोजपुरी की भाषाई सामर्थ्य को पहचानते थे।
विशिष्ट वक्ता डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के एक ऐसे लोक नायक हैं, जिनसे भोजपुरी भाषा के मानकीकरण की प्रक्रिया सम्पन्न हो सकती है। यह विशेषांक इस दृष्टि से मूल्यवान है। डॉ. धीरेंद्र राय ने कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के प्रकाश पुंज हैं। उन पर पत्रिका का विशेषांक भोजपुरी समाज के लिए गौरव है। विशेषांक के सहायक संपादक राणा अवधूत कुमार ने अंक की पूरी योजना पर प्रकाश डाला और भिखारी ठाकुर के महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के आरंभ में केन्द्र के संगीत प्रभाग के शोधार्थियों अमर दीक्षित,अलका,विनय खरवार,अखिलेश्वर पांडेय व आदित्य पांडेय ने भिखारी ठाकुर के गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी। संचालन शोध छात्र उदय पाल ने किया।धन्यवाद ज्ञापन शोध छात्र सतीश प्रजापति ने किया। इस अवसर पर डॉ. प्रभात मिश्र, डॉ. अमरजीत राम, डॉ. विंध्याचल यादव, कौशल मुहब्बतपुरी, गिरिजेश तिवारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।