वाराणसी। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में व अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की शृंखला में “आई बैंक” की शुरुआत की गई है। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ला ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया। इस दौरान नेत्र संस्थान के कॉर्निया के विशेषज्ञ एलवी प्रसाद, डॉ. प्रशांत गर्ग विशेष अतिथि रहे। प्रो. वीके शुक्ला तथा डॉ. गर्ग ने आई बैंक का निरीक्षण किया तथा उन सभी मशीनों के बारे में जानकारी ली, जिनसे कॉर्निया को प्रत्यारोपित किया जाता है।
बीएचयू में पहले से नेत्र बैंक है, लेकिन उसमें अत्याधुनिक व नवीन तकनीकें उपलब्ध नहीं थी। सबसे बड़ी चुनौती प्रत्यारोपित कॉर्निया की गुणवत्ता मापने की तकनीक का अभाव था, जिसके चलते अकसर मान लिया जाता था कि जो कॉर्निया प्रत्यारोपित की गयी है वह नेत्र ज्योति बढ़ायेगी ही। इसके अलावा यह भी मालूम नहीं हो पाता था कि किस कॉर्निया को नेत्र ज्योति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और किसे आंख की दीवार की मजबूती के लिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बनारस क्षेत्र में यह पहला सरकारी नेत्र बैंक है और वो भी नवीनतम सुविधाओं से लैस। साथ ही साथ यहां के स्टाफ को नई पद्धतियों के बारे में प्रशिक्षित भी किया गया है, जिसका लाभ एक बड़ी आबादी को मिलने की उम्मीद है।
इस मौके पर प्रो. शुक्ला ने कहा कि समाज में नेत्रदान के संबंध में अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिन्हे दूर करने की अत्यधिक आवश्यकता है। कई बार कॉर्निया की उपलब्धता के बावजूद तकनीक की कमी एवं तकनीक की उपलब्धता के बावजूद कॉर्निया की कमी चिकित्सकों के लिए चुनौती व मरीज़ों के लिए परेशानी का कारण बनती है। तकनीक की चुनौती का समाधान बीएचयू नेत्र बैंक है, लेकिन दूसरी चुनौती के लिए लोगों में जागरूकता का व्यापक प्रसार अत्यंत आवश्यक है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एसके सिंह आंकड़ों के साथ बताया कि दृष्टिहीनता भारत में कितनी गंभीर समस्या है। ऐसे में क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बीएचयू, तथा यहां का नेत्र बैंक बहुत महती भूमिका निभा सकता है। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण प्रोग्राम के उप निदेशक वाईके पाठक ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्वास्थ्य सेवाओं का एक बड़ा केन्द्र है। ऐसे में बीएचयू नेत्र बैंक एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान, हैदराबाद, के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रशांत गर्ग ने कहा कि चिकित्सकों व कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना किसी भी नेत्र बैंक की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान इसके लिए सहर्ष तैयार है।
क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बीएचयू के प्रमुख प्रो एमके सिंह ने कहा की यदि नेत्रदान की प्रक्रिया को सर्जन सफलता के साथ पूर्ण करता है तो इसके परिणाम रोगी की जीवन शैली में अभूतपूर्व परिवर्तन ले आता है। उन्होंने नेत्र बैंक की स्थापना व आधुनिकीकरण में भूमिका निभाने वाले सभी सदस्यों को बधाई दी।
प्रो. एमके सिंह, प्रो. वीपी सिंह और प्रो. ओपीएस. मौर्या के संगठित प्रयासों तथा विभागध्यक्ष प्रो प्रशांत भूषण और डॉ. दीपक मिश्रा की कोशिशों से हंस फाउंडेशन और एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत “BHU EYE BANK” स्थापित किया गया।