वाराणसी। बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में “भारतीय गाय, कृषि और समग्र स्वास्थ्य” विषय पर आयोजित संगोष्ठी का तीसरे दिन रविवार को समापन हुआ। संगोष्ठी के अंतिम दिन छठा सत्र प्रातः नौ बजे शुरू हुआ, जिसमे मुख्य वक्ता डाॅ. सुनील चौधरी, राज सुधाकर माधवकर् रहे। बीएचयू के रेडिएशन थेरेपी विभाग के प्रो. सुनील चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद के सहयोग से कैंसर के इलाज में कामयाबी हासिल की जा सकती है।
प्रो. राज सुधाकर ने जैविक खेती के फायदे और कृषि उत्पादन को गाय के गोबर और गोमूत्र के जरिए बढ़ाने पर चर्चा की तथा यह भी बताया की मिट्टी के लिये गोमूत्र की उच्च क्षारीयता बहुत लाभदायक होती है। औषधीय प्रयोग के पौधे शतावरी, अश्वगंधा, परिजात, गोकर्ण, कालमेघ, तुलसी आदि को हर घर मे लगाना चाहिए। सत्र के अध्यक्ष सांख्यिकी विभाग के प्रो. केके सिंह, नागपुर स्थित गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र के मुख्य समन्वयक सुनील मानसिंहका, अखिल भारतीय गो सेवा प्रमुख अजीत महापत्र रहे। अध्यक्ष की उपस्थिति मे अंतिम सत्र मे कुल 16 शोध पत्रों का वाचन किया गया, जिसमे डाॅ. हरि कृष्ण पारीक और डॉ. पूजा यादव ने अपने शोध पत्र के माध्यम से गोदुग्ध, गोमूत्र का आन्त्रीय जीवाणुओं पर प्रभाव पर चर्चा की और बताया कि किस तरह आंत्रिय जीवाणु विभिन्न व्यधियों को उत्पन्न करते है तथा उनकी रोकथाम मे गो दुग्ध, छाछ, और गोमूत्र उपयोगी है। संगोष्ठी का समापन समारोह, संगोष्ठी के आयोजक प्रो. ओपी सिंह, प्रो. सुनंदा पढेकर, डॉ. शालिनी, प्रो. गुरु प्रसाद सिंह, डॉ. देवाशीष की उपस्थिति मे हुआ |