वाराणसी। बनारस अपनी मौज मस्ती वाला शहर है। यहां मृत्यु को भी उत्सव के रूप में देखा जाता है। छह हजार साल से ज्यादा के इतिहास वाले इस शहर के हर मोहल्ले की अपनी विशिष्टता है।
यह बात वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ भट्टाचार्य ने भारत सरकार के राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय संस्थान की ओर से शनिवार को लक्सा स्थित होटल में “कहानियों द्वारा पर्यटन को बढ़ावा” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंंने कई दृष्टांतों और उदाहरणों के जरिए बनारस की विशेषता रोचक तरीके से लोगों को बताई।
यह कार्यक्रम लखनऊ स्थित एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र, शिक्षा मंत्रालय इनोवेशन सेल, इंस्टीट्यूट ऑफ इनोवेशन काउंसिल बीएचयू तथा बीएचयू के दृश्य कला संकाय के व्यावहारिक कला विभाग की ओर से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में नवउद्यमी, उद्यमी, टेक्सटाइल, पावरलूम, रेहड़ी, पटरी दुकानदार, खिलौना उद्यमी तथा अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग शामिल रहे।
दूसरे सत्र में दृश्य कला संकाय के डॉ. एसएस सिन्हा ने पंचक्रोशी मार्ग पर स्थित मंदिरों, तालाबों, कुंडों की स्थिति के बारे में पावर प्वाइंट के जरिये जानकारी दी। उन्होंने कंदवा चितईपुर स्थित कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर के सहायक निदेशक संजय कुमार ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन दृश्य कला संकाय के डॉ. मनीष अरोड़ा ने किया।