वाराणसी। बीएचयू के सरदार वल्लभ भाई पटेल छात्रावास में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह के विदाई एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ। स्वागत करते हुए वर्तमान छात्र अधिष्ठाता प्रो. के. के. सिंह ने कहा कि प्रो. एमके सिंह ने विश्वविद्यालय में सबसे लंबे समय छात्र अधिष्ठाता के रूप में कार्यरत रहते हुए छात्रों के हितों को सदैव सर्वोपरि रखा। उनके तकरीबन साढ़े सात साल के कार्यकाल में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए वह सदैव प्रयासरत रहे।
प्रो. सिंह के साथ कार्य करने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कुलगुरु प्रो. वी. के. शुक्ल ने बताया कि मैं 1971 में इस विश्वविद्यालय में आया प्रो. सिंह 1975 में आये हमने तकरीबन साढ़े चार दशक तक साथ काम किया. इस दौरान मैंने बेहद मृदुभाषी प्रो. सिंह को हमेशा लोगों की सेवा करते हुए पाया। उन्होंने अपने विशेष हित के लिए शायद ही कभी कोई कार्य किया हो। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा किअबतक मैंने हमेशा प्रो. सिंह को लोगों की सेवाएं करते हुए देखा है।
प्रो. एमके सिंह ने कहा कि यहां उपस्थित मेरे सभी सहकर्मियों एवं विश्वविद्यालय परिवार के मेरे साथियों ने मेरी कुछ ज्यादा ही प्रशंसा कर दी है। मुझे रामकृष्ण परमहंस की कही बात याद आ रही है कि दूसरों की नज़रों में उठना बहुत ही आसान है, किन्तु अपने आप की नज़रों में उठना बहुत ही मुश्किल है। मैंने हमेशा इसी बात का प्रयास किया है कि ऐसे कार्य करूँ जिससे अपनी नज़रों में ऊपर उठ सकूं। रामचरित मानस की एक चौपाई के साथ उन्होंने ने अपनी वाणी को विराम दिया – “मो पहिं होइ न प्रति उपकारा। बंदउँ तव पद बारहिं बारा।”
इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल छात्रावास में बने वॉलीबाल कोर्ट का शुभारंभ भी हुआ। कार्यक्रम का संचालन छात्रावास के प्रशासनिक संरक्षक डॉ. धीरेन्द्र कुमार राय ने किया। इस अवसर पर हॉस्टल के पूर्व वार्डेन डॉ. अभिषेक वर्मा को विदाई एवं नए वार्डेन डॉ. शैलेन्द्र सिंह का स्वागत पुष्प भेंटकर कर हुआ. इसके पूर्व सभी संस्थानों के निदेशक एवं सभी संकायों के प्रमुखों ने प्रो. एमके सिंह का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया.