वाराणसी। रक्तदान सर्वश्रेष्ठ दान है। इससे न सिर्फ एक व्यक्ति की जान बचती है, बल्कि उसके पूरे परिवार को नया जीवन मिलता है। राष्टीरय सेवा योजना की बीएचयू इकाई की ओर से शनिवार को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर आयोजित शिविर में यह बात सामाजिक विज्ञान संकाय की प्रो. सुतापा दास ने कही।
कार्यक्रम का उद्घाटन ऑनलाइन माध्यम से भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक श्रोति ने किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को रक्तदान करने के लिए आगे आने पर शुभकामनाएं दी और उन्हें अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बाला लखेंद्र ने कहा कि रक्तदान को महादान इसलिए कहा जाता है, क्योंकि रक्त किसी फैक्ट्री में निर्मित नहीं होता ना ही यह कहीं और प्राप्त होता है। रक्त का निर्माण सिर्फ मानव के शरीर में ही होता है, जिसे हम दान देकर दूसरों को जीवनदान प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रक्त केंद्र के डॉ. आशुतोष कुमार ने 38वीं बार रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि वे वर्ष में चार बार रक्तदान करते हैं। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने पर रक्तदान कर सकता है। रक्तदान शिविर में 47 स्वयं सेवकों ने रक्तदान किया।