आर. संजय
सिर्फ एक ओवर क्रिकेट में बाजी पलटने के लिए काफी होता है। रविवार को ऐसा ही भारत और पाकिस्तान के बीच जबर्दस्त दबाव और तनाव भरे मैच में हुआ। हार और जीत सच्चाई है, लेकिन इसका निर्धारण प्रयास से होता है। प्रयास अगर ऐसे कारण से असफल हो जाय कि यह क्षमता से ज्यादा किया गया पर किस्मत साथ नहीं थी, तो इसे सहज स्वीकार किया जा सकता है। लेकिन, क्षमता से काफी कम प्रयास असफल हो जाता है तो यह बड़ी टीस दे जाता है। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पाकिस्तान की पारी में भारत की ओर से फेका गया 19वां ओवर इसी का उदाहरण है। यहां अनुभव की दयनीय हार हो गई।
पाकिस्तान को अंतिम दो ओवरों में 26 रन बनाने थे। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के पास दो ही गेंदबाजी विकल्प बचे थे। भुवनेश्वर कुमार और अर्शदीप सिंह। अपने पहले तीन ओवरों में इन दोनों ने काफी किफायती गेंदबाजी करते हुए क्रमशः 21 और 20 रन दिये थे। कप्तान ने संभवतः यह सोचकर भुवनेश्वर को 19वां ओवर दिया होगा कि वह अनुभवी हैं और अगर उनके ओवर में आठ या 10 रन बनते हैं, तो अर्शदीप के लिए अंतिम ओवर में 16-18 रन रोकना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।
शॉर्ट पिच गेंदबाजी ने डुबो दी लुटिया
पाकिस्तान के बल्लेबाज ग्रुप मैच में शॉर्ट पिच गेंदों से खासा परेशान थे और उन्होंने विकेट भी गंवाए थे। सुपर-4 के मैच में भुवनेश्वर और हार्दिक पांड्या ने लगातार शॉर्ट पिच गेंदें फेकीं, लेकिन इस बार पाकिस्तानी इसके लिए तैयार थे और उन्होंने अपनी रणनीति बदलते हुए इन गेंदों का भली तरह सामना किया और खूब रन भी बटोरे। भुवी का अनुभव यहीं हार गया। 19वें ओवर की शुरुआत उन्होंने शॉर्ट पिच वाइड गेंद से की। क्रीज पर दो नए बल्लेबाज थे। अगर इन्हें लगातार यॉर्कर लेंग्थ की गेंद फेकी जाती तो भुवनेश्वर भारत के लिए यह मैच बचा सकते थे, क्योंकि ऐसी गेंदों पर चौके-छक्के लगाना आसान नहीं होता। भुवनेश्वर में ऐसा करने की काबीलियत भी है, लेकिन हालात से सीख न लेकर उन्होंने शॉर्ट पिच गेंदें फेकीं और 19वें ओवर में 19 रन लुटा बैठे। इसके पहले हार्दिक ने भी अपने चारों ओवर में इसी अस्त्र का इस्तेमाल किया, जो इस मैच में पूरी तरह नाकाम हो चुका था। उन्होंने चार ओवरों में 44 रन लुटा दिये।
दो युवा खिलाड़ियों ने दिखा दिया आइना
भारत-पाकिस्तान मैच का दबाव खिलाड़ियों से अक्सर गलती कराता है, फिर भी अनुभव के साथ ऐसा हो तो यह क्षम्य नहीं कहा जा सकता। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत के दो युवा गेंदबाजों ने सिखाया कि स्नायुतंत्रों पर काबू कैसा किया जाता है। रवि बिश्नोई (4-0-26-1) और अर्शदीप (3.5-0-27-1) ने बड़े और नामचीन खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन से आइना दिखाया। अंतिम ओवर में सात रन पाकिस्तान की जरूरत थे। युवा अर्शदीप के सामने बड़ी चुनौती थी। पहली गेंद पर एक रन और दूसरी पर चौका। अब तीन गेंदों पर दो रन। चौथी गेंद पर अर्शदीप ने विकेट ले लिया। इसके बाद कमेंटेटर मैच टाई और सुपर ओवर तक की बात करने लग गए। हालांकि पांचवीं गेंद ने अर्शदीप का साथ नहीं दिया और इसपर दो रन बन ही गए। अर्शदीप ने 19वें ओवर में एक आसान कैच छोड़ा था, लेकिन अपने इस ओवर में उन्होंने उसकी भरपाई भी कर दी।