लंदन। महेंद्र सिंह धौनी। एक इकलौता नाम, जिसने अपनी कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के सीमित ओवरों के सभी तीन टूर्नामेंट जीते हैं। धौनी बुधवार को 41 साल के हो गए। वह भारतीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी “महान” खिलाड़ियों की श्रेणी में आते हैं।
धौनी की सफलता के कई कारण हैं। मैदान पर किसी भी परिस्थिति में बिल्कुल शांत दिखने वाले धौनी जीत से ज्यादा उन तौर तरीकों पर जोर देते थे, जिसके कारण क्रिकेट के दर्शक खेल को पसंद करते हैं। अपने पूरे करियर में धौनी के कई यादगार पल हैं।
धौनी के साथ खेल चुके कई क्रिकेटर बताते हैं कि एमएस हमेशा कहते थे कि मैच के परिणाम पर ध्यान मत लगाओ, बल्कि उन तरीकों की ओर देखो, जो लक्ष्य को पूरा करने के लिए तय किये गए हैं। धौनी के साथी स्नेह से उन्हें “थाला” बुलाते हैं। इसका अर्थ नेतृत्वकर्ता होता है।
धौनी अक्सर कहते हैं कि खेलने का तरीका हमेशा महत्वपूर्ण होता है। परिणाम इसी का नतीजा होता है। आज के दौर के क्रिकेटर परिणाम की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं। इसकी वजह से खेलने के तरीके पर असर पड़ता है। मेरी उन्हें सलाह है कि अपने खेलने के तरीके को सुधारें। परिणाम अपने आप पक्ष में आ जाएगा। अक्सर हम शिकायत करते हैं कि हमें अपेक्षा से कम मिला। वास्तविकता यह है कि हमें उतना ही मिला, जितनी हमने इसके लिए तैयारी की थी। हम बेहतर तैयारी करेंगे तो बेहतर परिणाम भी मिलेगा।
धौनी ने अपनी कप्तानी में टी-20 और एक दिवसीय क्रिकेट विश्वकप के अलावा चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट भी जीता है। वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स को चार बार चैंपियन बना चुके हैं।