वाराणसी। अगर किसी व्यक्ति में खून की कमी है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकती है। लोगों को समय-समय पर खून की जांच कराते रहना चाहिए।
यह बात इंडियन सोसाइटी आफ हिमैटोलाजी ऐंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन के अध्यक्ष प्रो. एच. पति ने गुरुवार को बोनमैरो पैथालाजी पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कही। मैरोकान नाम से इस सम्मेलन का आयोजन बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पैथोलाजी विभाग की ओर से किया गया है। ट्रामा सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि बोनमैरो के विश्लेषण से कई गंभीर बीमारियों और उनके बेहतर इलाज का रास्ता साफ हो सकता है। एमएएमसी नई दिल्ली के पूर्व पैथालाजी विभागाध्यक्ष प्रो. तेजिंदर सिंह ने बताया कि बोनमैरो की जांच से रक्त के कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगाया जा सकता है। इसके बाद मालीक्यूलर स्टडी करके इसका इलाज भी हो सकता है। पुदुचेरी से आए प्रो. देवदत्त बसु ने भी खून की कमी को हल्के में न लेने का सुझाव दिया। एसजीपीजीआई लखनऊ की प्रो. सीमा शर्मा के अलावा डा. गुरमीत सिंह, डा. नेहा सिंह ने भी विचार रखे। आयोजन प्रो. विजय तिलक की अध्यक्षता में हो रहा है। संचालन डा. परोमिता पाल व डा. तनिमा मंडल ने किया। दो दिन की संगोष्ठी में 22 शोध पत्र प्रस्तुत होंगे, जिनमें खून के कैंसर पर चर्चा की जाएगी।