वाराणसी। राष्ट्रीय सेवा योजना की बीएचयू इकाई की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संगीत के जरिए स्वाधीनता सेनानियों को याद किया गया। एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम से कई विशिष्ट शिक्षाविद और कलाकार जुड़े।
मुख्य अतिथि पद्मश्री पं. शिवनाथ मिश्र ने कहा कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में कई परिवारों ने आहुतियां दी हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के जरिए हम उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। देहरादून महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बीएन शर्मा ने कहा कि अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रम हमें अपनी संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। आजादी के आंदोलन में कई ऐसे लोगों ने आहुतियां दीं, जिन्हें आज हम नहीं जानते। ऐसे में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है। अध्यक्षता अरुणोदय विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. विश्वनाथ शर्मा ने की।
आरंभ में रासेयो बीएचयू की स्वयंसेविका अपर्णा पांडेय ने राग हंस ध्वनि में गायन प्रस्तुत किया। दिल्ली के सार्थक कुमार मोहंती में रूपक ताल में तबला वादन की प्रस्तुति की। अरुणाचल प्रदेश की जूना वैली ने पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम से पंजाब विश्वविद्यालय की प्रो. पंकजमाला शर्मा, प्रो. लावण्या कीर्ति सिंह, जोधपुर से पं. सतीश बोहरा, राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के महानिदेशक पं. देवेंद्र वर्मा, पं. मंगलेश कुमार, डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी, डॉ. पूनम जायसवाल, निधि, डॉ. विलंविता वाणीसुधा, डॉ. अन्नपूर्णा दीक्षित जुड़ीं। संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बाला लखेंद्र ने किया। डॉ. राजेश तिवारी ने आभार जताया।